Hindi Grammar Book PDF मे उपलब्ध है, हिन्दी ग्रामर से सम्बन्धित आज Lucent Hindi Grammar Book PDF Download भी कर सकते है, तो जैसा की आप सभी लोग जानते होगे की हिन्दी भाषा से तथा हिन्दी व्याकरण से प्रतियोगी परीक्षाओ मे बहुत से प्रश्न पूछे जाते है, आपने बहुत सी पुस्तके पढी होगी पर कुछ पुस्तके ऐसी होती है की जिनसे बहुत से प्रश्न मिल जाते है तो आज हम आपके लिए LUCENT GENERAL HINDI सामान्य हिन्दी की पुस्तक की प्रति आपके लिए PDF मे लेकर आए है, जिन्हे आप नीचे दिए गए Download Button के माध्यम से डाउनलोड कर सकते है।
व्याकरण वह साधन है जिसके माध्यम से हम किसी भी भाषा को शुद्ध – शुद्ध पढ़ने ,लिखने एवं समझने का ज्ञान प्राप्त करते है।
उदाहरण – व्याकरण के माध्यम से शब्दों का क्रम एवं उनके प्रयोग की जानकारी प्राप्त होती है। जैसे – वह गाय काली है ,व्याकरण की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध है जिसका शुद्ध वाक्य होगा –वह काली गाय है, इसी प्रकार शुद्ध वाक्यों एवं शब्दों का प्रयोग ही व्याकरण कहलाता है।
- हिन्दी भाषा का विकास
- स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान हिन्दी का ऱाष्ट्रभाषा के रुप मे विकास
- स्वतंत्रता के बाद हिन्दी का राजभाषा के रुप मे विकास
- हिन्दी की उपभाषाए एवं बोलिया
- देवनागरी लिपि
- हिन्दी भाषा का मानवीकरण
- विश्व हिन्दी सम्मेलन
- जरुर पढे : PDF Download
- जरुर पढे : घटना चक्र
Hindi Grammar Book PDF
वैसे बहुत से विद्यार्थियो के हिन्दी ग्रामर के बारे मे कुछ ही जानकारी होती है, पर यह एक ऐसा पार्ट है, जहा से एक Teachers को इन सबको खास तौर पर ध्यान देना आवश्यक है, तो सबसे पहले नीचे दिए गए लेख मे आप पढ सकते है, की हिन्दी व्याकरण होता क्या ? अर्थात हिन्दी व्याकरण की परिेभाषा से शुरुआत करते है, नीचे दी गई Hindi Grammar से सम्बन्धित मह्तपूर्ण जानकारी जो आपके लिए महत्वपूर्ण है।
व्याकरण की परिभाषा- ऊपरोक्त मे हमने व्याकरण की परिभाषा प्रस्तुत की है, पर कुछ पुस्तको मे हमने इस परिभाषा को भी देखे, जिसके द्वारा हमे किसी भाषा का शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना आता है। या दूसरे शब्दों में कहे तो व्याकरण वह शास्त्र है, जिसके द्वारा भाषा का शुद्ध मानक रूप निर्धारित किया जाता है।
व्याकरण के प्रकार:- व्याकरण निम्न प्रकार की होती है…
(1) वर्ण या अक्षर के आधार पर
(2) शब्द के आधार पर
(3)वाक्य के आधार पर
व्याकरण के अंग:- व्याकरण के तीन अंग हैं…
(1) ध्वनि-विचार (2) पद-विचार (3) वाक्य-विचार
- वर्णमाला
- वर्तनी
- संधि
- विचार
- उपसर्ग-प्रत्यय
- समास
- शब्द-भेद, तत्सम-तद्भव
संज्ञा और इसके भेद
संज्ञा- किसी का नाम ही उसकी संज्ञा है, इससे ही वह जाना जाता है या व्याकरण की भाषा में कहें तो…
किसी व्यक्ति, वस्तु स्थान या भाव के नाम को भी संज्ञा कहते है।
संज्ञा के उदाहरण:- श्याम, कुर्सी, कलम, गंगा, इत्यादि।
संज्ञा के 5 प्रकार के भेद होते हैं. जो निम्नलिखित प्रकार से हैं….
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)- व्यक्तियों के नाम, समुद्रो के नाम, दिशाओं के नाम, देशों के नाम, नदियों के नाम इत्यादि।
- जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)- सम्बन्धियों, व्यवसायों पदों और कार्यो के नाम, पशु-पक्षियों के नाम इत्यादि।
- भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)- कठोरता,बुढापा, लड़कपन, ममता इत्यादि।
- द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)- दूध, दही, पनीर, तेल, सोना, चाँदी, इत्यादि।
- समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)- कक्षा, सेना, भीड़, मण्ड़ली, गिरोह, सभा इत्यादि।
- पर्यायवाची शब्द
- विलोम शब्द
- अनेक शब्दो के लिए एक शब्द
- रिक्त स्थानो की पू्र्ति
- वाक्य मे रिक्त स्थान की पूर्ति
- अनुच्छेद मे रिक्त स्थानो की पूर्ति
- वाक्य भेद, विराम चिन्ह
- वाक्य-शुद्धि
- मुहावरे इत्यादि
हमारी यह बुक की पूरी जानकारी मुझे आशा होगी की आपको यह जानकारी बहुत ही अच्छी लगी होगी अगर आपको इसी से सम्बन्धित और भी कुछ जानकारी या अन्य कोई भी जानकारी चाहिए तो नीचे दिए गए तो आप FACEBOOK PAGE के माध्यम से PERSONAL MASSAGE कर सकते है दे सकते हैं।
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