भारतीय संविधान में एकात्मक संविधान के लक्षण
- सदस्य के बहुमत से राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण करके राज्य सूची में वर्णित किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार संसद को दे सकती हैं
- राष्ट्रीय आपात के दौरान राज्य सूची में वर्णित विषयों से संबंध में कानून बना सकती हैंराज्य के या निर्देश दे सकती है कि कैसे वे अपनी शक्तियों का प्रयोग करें संघ के अधिकारों और राज्य सूची के मामलों के संबंध में प्रशासन करने के लिए सशक्त कर सकती है
- राष्ट्रपति केंद्र की सलाह पर राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर सकता है तथा संसद को राज्य विधायीका शक्ति राष्ट्रपति राज्य में वित्तीय आपात की घोषणा करें राज्य कीवित्तीय शक्तियों को नियंत्रित कर सकता है
- केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को निर्देश देने की शक्ति दी गई है और केंद्र द्वारा दिया गया निर्देश उन पर बाध्यकारी है
- संसद राज्यों को सीमा ,नाम ,क्षेत्र में परिवर्तन कर सकता है
- राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा वह अपने कार्यों के लिए राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदाई है
- राज्यपाल विधानमंडल के द्वारा पारित किए गए कुछ विधायकों को राष्ट्रपति के अनुमति के लिए आरक्षित कर सकता है
- केंद्र अखिल भारतीय सेवाओं के माध्यम से राज्य प्रशासन पर नियंत्रण रख सकता है
- इस प्रकार भारतीय संविधान को एकात्मक और संघात्मक का समिश्रण कहा जाता है
- अंबेडकर के अनुसार समय और परिस्थिति की मांग के अनुसार संघात्मक और एकात्मक हो सकता है
- व्हीलर के अनुसार यह संविधान है यह अर्धसंघीय संविधान है
- आस्तीन के अनुसार सहकारी परिसंघीय संविधान है उच्चतम न्यायालय ने भी अपने निर्णय में स्पष्ट किया है कि भारत का संविधान संघीय नहीं है इसमें पाए जाते हैं
- NCERT HISTORY BOOK PDF IN HINDI
- ncert history book pdf DAWNLOAD
- math NCERT book 6 to 12 PDF
- SSC CGL MOCK TEST BY NITU SINGH PDF 2
- ssc cgl tier 2 mock test by nitu singh pdf
- लक्ष्मीकांत भारत की राजव्यस्था BOOK PDF-2
- लक्ष्मीकांत भारत की राजव्यस्था book pdf
हमारी यह की पूरी जानकारी मुझे आशा होगी की आपको यह जानकारी बहुत ही अच्छी लगी होगी अगर आपको इसी से सम्बन्धित और भी कुछ जानकारी या अन्य कोई भी जानकारी चाहिए तो नीचे दिए गए तो आप FACEBOOK PAGE के माध्यम से PERSONAL MASSAGE कर सकते है दे सकते हैं।
No comments:
Write comment